Tuesday, December 14, 2010

ईमानदार भ्रष्टाचारी !

भाई साहब मैं मर जाऊंगा
मेरी धड़कनें रुक जायेंगी
सांस लेना मुश्किल हो जाएगा
मेरी बीवी घर से निकाल देगी
शान-सौकत सब चली जायेगी
किसी को मुंह दिखाने के लायक नहीं रहूँगा
मुझे करने दो, थोड़ा-बहुत ही सही
पर मुझे भ्रष्टाचार कर लेने दो !

मैं भ्रष्ट हूँ, भ्रष्टाचारी हूँ
इरादतन भ्रष्टाचार का आदि हो गया हूँ
आज तक एक भी ऐसा काम नहीं किया
जिसमे भ्रष्टाचार किया हो
लोग मेरे नाम की मिसालें देते हैं
मुझे जीने दो, मेरी हाय मत लो
मेरी हाय तुम्हें चैन से बैठने नहीं देगी
क्यों, क्योंकि मैं एक ईमानदार भ्रष्टाचारी हूँ !

मेरी नस नस में भ्रष्टाचार दौड़ रहा है
दिल की धड़कनें भ्रष्टाचार से चल रही हैं
मान लो, मेरी बात मान लो
मुझे, सिर्फ मुझे, भ्रष्टाचार कर लेने दो
तुम हाय से बच जाओगे
और मेरी दुआएं भी मिलेंगी
यही मेरी पहली और अंतिम अर्जी है
क्यों, क्योंकि मैं एक ईमानदार भ्रष्टाचारी हूँ !

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