Saturday, December 18, 2010

जय जय भ्रष्टाचार !

क्यों भई नेता जी कहाँ जा रहे हो ... बस आदरणीय दिल्ली जा रहा हूँ अचानक सन्देश आया है "विशेष मीटिंग" आयोजित की गई है पहुँचना अत्यंत आवश्यक है ... ऐसी क्या बात हो गई ... बहुत गंभीर समस्या है अब आपसे क्या छिपाना, आप तो अपने ही हो ... क्या विशेष है ! ... धीरे धीरे जनता भ्रष्टाचारियों के खिलाफ होते जा रही है, स्थिति काफी ज्यादा चिंतनीय हो गई है यदि अभी कोई उपाय नहीं किया गया तो हम भ्रष्टाचारियों का जीना दुभर हो जाएगा !

... हाँ सच तो कह रहे हो, जल्दी करो उपाय, कहीं देर होने से लेने-के-देने न पड़ जाएँ ... इसलिए ही विशेष तौर पर इस मीटिंग में सभी राजनैतिक पार्टियों के मुख्य मुख्य नेताओं को बुलाया गया है ... सभी पार्टियों के भी, क्यों ! ... अरे भाई अब ये बताओ ऐसी कौनसी पार्टी है जो भ्रष्टाचार नहीं करती है, आज की डेट में भला कौन दूध का धुला है ! ... हाँ कह तो सही रहे हो, क्या उपाय सोच कर जा रहे हो ?

... उपाय ही तो कुछ सूझ नहीं रहा है, आप तो जानते ही हो कि मेरी राय अंतिम राय होती है ! ... हाँ आप विशेष सलाहकार जो हो ... आप ही सुझा दो कोई उपाय, समय समय पर आपके सुझाव के भरोसे ही तो हमारी नेतागिरी चल रही है, पिछली बार आपके सुझाव पर ही तो उस "गूंगे" को देश का मुखिया बनाया था जो कितने अच्छे से काम कर रहा है कुछ भी करते रहो बेचारा कुछ बोलता ही नहीं है !

... हाँ हाँ सच कह रहे हो ... अब बताओ न कोई उपाय ताकि हम भ्रष्टाचारी मौज-मजे करते रहें और ये संकट टल जाए ... बहुत गंभीर समस्या है और सवाल भी बहुत ही गंभीर लग रहा है, अब आप कहते हो तो उपाय तो बताना ही पडेगा ... हाँ हाँ बताओ जल्दी, मुझे अविलम्ब दिल्ली निकलना है ... तो ठीक है फिर कान "खुजा" के सुनो, कुछ भूल-भाल मत जाना ...

... हाँ बताओ ... एक काम करो, एक ऐसा "अमेंडमेंड" लाओ जो भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वालों की नाक में नकेल डाल दे ... हाँ हाँ बताओ कैसे ! ... ये तो सभी जानते हैं कि वर्त्तमान सिस्टम में भ्रष्टाचार के आरोप सिद्ध होना असंभव हैं क्योंकि सभी जांच एजेंसियां आपके ही अंडर में काम करती हैं आपके डायरेक्शन के बगैर बाहर नहीं जा सकतीं ... हाँ वो तो सही है ... तो फिर क्या, भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वालों को टाईट करने के लिए एक नया क़ानून बना दो ...

... वो क्या ? ... हाँ हाँ बता रहा हूँ हडबडी मत करो ... बताओ बताओ ... क़ानून ये रहेगा कि भ्रष्टाचार प्रमाणित होने पर भ्रष्टाचारी को २० साल की सजा होगी तथा प्रमाणित नहीं होने पर भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वाले को १० साल की सजा होगी, वो इसलिए कि झूठी शिकायत करना भी तो अपराध है ... ( नेता जी पांच मिनट सन्न रहने के बाद बोले ) हाँ ये उपाय बिलकुल सही रहेगा, क्योंकि भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वाले भी भली-भाँती जानते हैं कि भ्रष्टाचार के आरोपों का प्रमाणित होना, एक तरह से असंभव ही है, भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वाले १० साल की सजा सुनकर, फटी में आवाज ही नहीं उठाएंगे, ये हुई न कोई बात, आपके चरण कहाँ हैं ... क्यों, क्या हो गया ! ... अरे भाई, अब आपका आशीर्वाद लेकर ही दिल्ली निकलता हूँ , जय जय भ्रष्टाचार ... जय जय भ्रष्टाचार ... !!!

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