Wednesday, February 9, 2011

प्रार्थना !

तेरा - मेरा
अंजाने में एक रिश्ता बनता है
हर पल मैं तुझको -
और तू मुझको भाते हैं

मैं चाहूं तू साथ मेरे हो
तू भी चाहे मेरे संग-संग रहना
फ़िर क्यूं
मुझसे तू - तुझसे मैं
तन्हा-तन्हा रहते हैं

मैं पुकार रहा हूं तुझको
तू आजा मेरे "सूने दिल" में
मेरे दिल में रहकर
तू अपना ले मुझको

फ़िर जब देखे ये जग सारा
तो मुझमें तुझको देखे
मुझमें "तुझको" देखे ।

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