Thursday, April 14, 2011

ताप !

फट पडी थी
धरा
ताप के बढ़ जाने से
हो जाने दो
नम
इसे, तुम हो जाने दो
इन तूफानों सी
बारिश को
तुम
मत रोको
झरने दो, झर जाने दो !!