Wednesday, September 7, 2011

आज या कल

चल आजा
मैं जा रहा हूँ
फिर
किसी और को आना है !
कल
परसों
नरसों
किसी न किसी को
फिर किसी को
फिर किसी और को
फिर
पुन: मुझे वापस आना है !
यह सिलसिला
आने-जाने का
आना और जाना है
कभी तुझे
कभी मुझे
आ कर चले जाना है
आज या कल ... !!

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