Monday, October 17, 2011

कठिन राहें

रास्ते आसां होते हैं
किन्तु, सफ़र मुश्किल होता है
मंजिलें तय होती हैं
पर, फासले तय नहीं होते
यूं ही, बगैर -
मेहनत, लगन, तप
कोई, किसी मुकाम पे
पहुंचा नहीं करते !
हौसले, जज्बे
जब चलते हैं
रुकते हैं, बढ़ते हैं, बढ़ते चलते हैं
होती हैं, मिलती हैं
कठिन राहें सफ़र में
थकते हैं, ठहरते हैं, सहमते हैं
टूटते टूटते, बिखरने से संभलते हैं
चलते हैं, चले चलते हैं
कदम दर कदम
मंजिल की ओर ...
तब, कहीं जाकर, हम पहुंचते हैं
धीरे धीरे, शनै: शनै:
मंजिल पर, मुकाम पर, शिखर पर !!

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