Tuesday, October 25, 2011

चलो चलें, कहीं दूर चलें

चलो चलें, कहीं दूर चलें
दूर गगन के पार चलें
तुम चलो, हम चलें
एक नया संसार गढ़ें
जहां प्यार के फूल खिलें
खुशियों के जहां ढोल बजें
तुम चलो, हम चलें
मीत बनें, हम गीत बनें
चलो चलें, कहीं दूर चलें
दूर गगन के पार चलें !!

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