Thursday, November 10, 2011

यात्राएं बनाम कुर्सी यात्रा

जन्म से लेकर, अब तक
पद,
बैलगाड़ी,
साईकल,
मोटर,
रेल,
हवाई जहाज
सब की सब यात्राएं की हैं हमने !

और तो और
समय समय पर, जब जब मौक़ा मिला
सदभावना
स्वाभिमान
जन चेतना
जैसी महत्वपूर्ण यात्राओं में भी -
प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष तौर पे शरीक रहा हूँ !

काश ! हमने
एक-दो सामाजिक व जन कल्याणकारी -
यात्राएं भी कर ली होतीं
उफ़ ! मर जायेंगे तब ...
शायद ! हम ही हमारी
अंतिम यात्रा - शव यात्रा में
शरीक न हो पायें !

वजह ...
शायद ! उस समय भी हमारी आत्मा
"कुर्सी यात्रा" के मोह में
राजधानी की गलियों, चौक-चौराहों पर
किसी न किसी कुर्सी के -
सच ! इर्द-गिर्द भटकती रहे !!

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